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RPSU NEWS उत्तर प्रदेश में वेंडिंग जोन पॉलिसी क्यों नहीं कामयाब ?

RPSU NEWS – पुलिस और प्राधिकरण डाल चुके हथियार विधायक संसद का संरक्षण माफिया सिंडीकेट को |

RPSU NEWS – यू कहिए पूरे हिंदुस्तान में वेंडिंग जोन पॉलिसी कामयाब क्यों नहीं इसका सबसे बड़ा कारण पुलिस द्वारा कहा जाता है कि हमारा काम नहीं है नगर निगम नगर पालिका प्राधिकरण का काम है लेकिन पुलिस चौकी थाना कमिश्नर ऑफिस नगर आयुक्त जिला अधिकारी ऑफिस के आसपास सैकड़ो रेडी पटरी लगती है उसके बदले में पुलिस को प्रति संचालक से ₹3000 महीने जाता है क्योंकि पुलिस द्वारा ही सबसे ज्यादा शहर में अतिक्रमण कराया जाता है

पुलिस से जब इस बारे में बात करो तो पुलिस कहती है नगर निगम का काम है नगर पालिका का काम है नगर पंचायत का काम है प्राधिकरण का काम है मेरा काम नहीं है अपराधीकरण जब हम से सुरक्षा मांगेगा अतिक्रमण हटाने के लिए तब हम सुरक्षा देंगे मैं किसी भी वेंडर को नहीं हटाऊंगा आपको बताते चलें केंद्र सरकार द्वारा एक शासनादेश जारी किया गया की सभी नगर निगम सभी नगर पालिका सभी प्राधिकरण पुलिस को वेंडर की सूची प्राप्त कारण जिससे शहर में हो रहे अतिक्रमण और वेंडिंग जोन के बाहर दुकान जो लग रही है उन पर कार्रवाई की जाए लेकिन नोएडा प्राधिकरण एवं नगर निगम नगर पालिका द्वारा कहा जाता है और सभी प्राधिकरण द्वारा कहा जाता है कि मैं शासन हूं भारत सरकार हो या राज्य सरकार हो का कोई आदेश का पालन नहीं करते हैं हम कोई भी सूची नहीं देंगे पुलिस जब हमसे सूची मांगेगा तब हम सूची देंगे क्या ऐसा शासनादेश में लिखा है क्योंकि दोनों एक सिक्के के पहलू हैं जैसे नोएडा शहर है नोएडा शहर में प्रत्येक थाने में एक करोड रुपए पटरी दुकानदार से रिश्वत खाने को जाती है और इतने ही रिश्वत प्रत्येक सर्कल में एक करोड रुपए महीने नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों को जाती है तो 42 करोड रुपए महीनेजहां रिश्वत मिलती हो वहां पर कार्रवाई कैसे होगी यह मेरा आंकड़ा ऐसे ही नहीं है जमीनी स्तर का आंकड़ा है अगर किसी भी आईएएस पीसीएस अधिकारी या सरकार इसको चलेंगे करें तो वह हमारे साथ आकर जमीन पर इसका निरीक्षण करें पथ विक्रेता अधिनियम क्या है यह आपको बताते चलें कि जिनके पास आए का कोई साधन न हो आई का मतलब कोई रोजगार न हो और पैसे का आने का कोई भी रास्ता ना हो ऐसे लोगों को भारत सरकार द्वारा पथ विक्रेता अधिनियम 2014 सम्मान दिया गया था लेकिन अब फुटपाथ पर नेता माफियाओं का कब्जा है पैसे वालों का कब्जा है जैसे नोएडा की में मैं रहता हूं तो नोएडा की पहले बात करूंगा नोएडा में 10 लख रुपए की गाड़ी में खाना लाकर बेचेंगे तो वह अतिक्रमण नहीं होगा बड़े-बड़े फ्लैटों में रहेंगे कभी मोटरसाइकिल से नहीं चला होगा फिर भी उनको वेंडिंग जोन का लाइसेंस प्राप्त कर दिया गया रेस्टोरेंट चलाने वाले यहां तक कई मकानों के मालिक किराया आ रहा है दिल्ली में शोरूम है उनका लाइसेंस प्राप्त हो गया कुछ लोग तो ऐसे हैं जिनको गाजियाबाद से भी परिवार में वेंडिंग जोन का लाइसेंस प्राप्त है दिल्ली में भी है नोएडा में भी है क्योंकि एक बहुत बड़ा सिंडिकेट है अगर एक सिंडिकेट इस टाइम पास दुकान लगता है तो ₹25000 महीने पुलिस को देता है तो पुलिस क्यों कार्रवाई करेगी जबकि पुलिस का दायित्व है ट्रैफिक पुलिस का दायित्व है शहर से आक्रमण हटाना वेंडिंग जोन के बाहर वेंडर ना होना लेकिन पुलिस अपराधीकरण पर सवाल मैं इसलिए उठता हूं की सारी दिन पुलिस की है पुलिस जिसको चाहेगी वह फुटपाथ पर कारोबार करेगी पुलिस जिसको नहीं चाहेगी वह फुटपाथ पर कारोबार नहीं करेगा ऐसे में पथ विक्रेता अधिनियम 2014 को खत्म कर देना चाहिए और या इसका नाम बदलकर नेताओं को माफियाओं को वेंडिंग जोन 2014 नाम रखकर दे देना चाहिए क्योंकि नेता कब्जा इसलिए उसको और चाहिए छोटे मोटे कार्यक्रम में टिक्की पकौड़ी नाश्ता बनाने के लिए व्यक्ति चाहिए पहुंचने के लिए व्यक्ति चाहिए तो ऐसे लोगों को सांसद विधायक एमएलसी मंत्री सभा सब महापौर अध्यक्ष लोगों को पलते हैं कोई भी थाना हजार चौकी आज ऐसी नहीं है नोएडा में जहां पर आपको उसे क्षेत्र में और चौकी के आसपास 100 वेंडर ना मिल जाए |

अगर कोई पुलिस से शिकायत भी करता है तो पुलिस क्या कहती है यह काम प्राधिकरण का है पुलिस का नहीं है तो पुलिस कम से कम उनके पास सर्टिफिकेट तो चेक कर सकती हैं की है या नहीं है या वेंडिंग जोन में जो बैठ रहा है दुकान पर उसके नाम पर वेंडिंग सर्टिफिकेट है या नहीं है लेकिन पुलिस अपराधीकरण की मिली भगत से शहर में अतिक्रमण बढ़ता जाता है और माफिया का कर उठता जा रहा है यही तो मोदी की गारंटी है योगी का अहंकार है कि गरीबों को हक ना मिल पाए नेताओं को माफियाओं को हक मिले दोस्तों मैं यह बात ऐसे ही नहीं कहता हूं गरीब को लाइसेंस देने के बाद नोएडा प्राधिकरण द्वारा कहा जाता है कि आपका वेंडिंग जोन कैंसिल हो गया है उसके बाद वहीं पर जो सरकार द्वारा प्राधिकरण द्वारा फ्लैट का चुके हैं उन्हीं को व्यवस्थित किया जा रहा है क्योंकि वह जानते हैं कहां पर पैसा देना है कहां से कम होना है उनको वह जगह प्राप्त कर दी गई गरीब दादर की ठोकर खा रहा है लेकिन संसद और विधायक को वोट चाहिए और नोएडा का मामला हो तो यहां पैसा और वोट दोनों ही चाहिए पैसा पुलिस को और प्राधिकरण को आपको बताते चलें सेक्टर 38 ए gip चौकी क्षेत्र में जितने पथ विक्रेता थे उनका सर्वे करके उनका लाइसेंस प्राप्त हो गया वेंडिंग जोन मिल गया लेकिन उसके बाद करीबन 70 दुकान चौकी क्षेत्र में चौकी इंचार्ज और थाना इंचार्ज की मेहरबानी से चलती हैं प्रति दुकान ₹5000 जाता है तो अतिक्रमण कैसे हटेगा सभी पत्रकार भाई हमारे और सभी नागरिक द्वारा इस जगह पर अधिक से अधिक लोग जाते हैं खुद दे सकते हैं चौकी के पीछे चौकी के सामने चौकी के दाएं चौकी के बाएं लेकिन चौकी इंचार्ज को नहीं दिखता है अतिक्रमण क्योंकि पैसा जाता है तो पैसे के आगे ईमानदारी कुछ नहीं होती है तुम चिल्लाते रहो जितना चिल्लाओगे उतना पैसा मिलेगा पुलिस को यही तो पुलिस की पॉलिसी है यह थाना 39 क्षेत्र का मामला है आप लोग हमारे साथ बने रहिए अगला टॉपिक आपको बहुत जल्द सबूत के साथ देंगे Gip चौकी क्षेत्र मैं अवैध तरीके से चौकी इंचार्ज की निगरानी में अतिक्रमण बढ़ता जा रहा जबकि वहां पर कोई वेंडिंग जोन नहीं है लेकिन चौकी से 5 मी एवं 10 मी एवं 20 मीटर 30 मीटर 40 मीटर 50 मीटर पर अवैध तरीके से कब्जा है जबकि चौकी की खिड़की से सब कुछ दिखता है आप कैमरे की नजर में हैं लेकिन चौकी इंचार्ज को नहीं दिखता पुलिस अपराधीकरण की मिली भगत से वेंडिंग जोन पॉलिसी पर लगा ग्रहण |

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